Introduction - best places to travel in new delhi in hindi
दिल्ली भारत की राजधानी है और इतिहास व आधुनिकता का केंद्र भी। यहाँ मुग़लों द्वारा बनाई गई कई इमारतें हैं जिसे देखने के लिए भारी मात्रा में भारतीय यात्री आते हैं।और इन इमारतों को देखने के लिए विदेशी यात्री भी आते रहते हैं। ये इमारतें इतनी सुन्दर हैं कि जो व्यक्ति दिल्ली घूमने जाता है वो इन इमारतों को देखे बिना नहीं आता है। जब आप चाँदनी चौक की गलियों में जायेंगे और वहां देशी घी में बने पराठे, कचौड़ी बनते देखेंगे तो खुद को रोक नहीं पाऐंगे। यहाँ पर अच्छी घूमने फिरने की जगहों से लेकर हर राज्य का पारंपरिक खाना आपको यहाँ आसानी से मिल जाएगा।
चाँदनी चौक के एक ओर जामा मस्जिद है और दूसरी ओर लाल किला है । ये एक ऐसी जगह जहाँ हर तरह की संस्कृति का मिश्रण है और यहाँ पर सभी धर्मों के लोग आपको बिना भेदभाव के दिखाई देंगे। यहाँ पर प्रशिद्ध मस्जिद से लेकर मंदिर, चर्च और गुरूद्वारे भी देखने को मिलेंगे।जब आप यहाँ घूमने जाओगे तो आप इनकी ख़ूबसूरती को देखकर अचंभित हो जायेंगे। इसलिए ज़िन्दगी में कम से कम एक बार ये इमारतें ज़रूर देखनी चाहिए।
लाल किला
लाल किला मुगलों द्वारा बनवाया गया था। दिल्ली का लाल किला 1648 में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने बनवाया था। ये मुगल वास्तुकला द्वारा लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया था। इसकी सुंदरता और बनावट यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहाँ पर आपको भारी मात्रा में भारतीय और विदेशी यात्री मिलेंगे, जो इसकी सुंदरता और बनावट को देखने आते हैं।इसके अंदर आपको संग्राहलय भी देखने को मिलेगा और मीना बाजार में सजावटी गहने जगमगाते हुए मिलेंगे। कारीगरों ने इतनी मेहनत से इसको बनाया है कि जब आप देखेंगे तो बिना तारीफ किये रहे नहीं पायेंगे ।
यहाँ आकर आप फोटो लेकर एक सुंदर नज़ारा अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। शाम का वक्त होता है तो यहाँ पर लाईट जलना शुरू हो जाती हैं। आपको यहाँ की लाइट और साउंड शो बेहद पसंद आएगा। यह सबसे प्रसिद्ध दिल्ली पर्यटन स्थल है।
किसने बनवाया: मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने
कब बनवाया: 1648 में
प्रवेश शुल्क: 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए निःशुल्क, भारतीयों के लिए 35 रुपये और विदेशियों के लिए 500 रुपये
खुलने का समय: सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक। सोमवार को बंद रहता है
निकटतम मेट्रो स्टेशन: चांदनी चौक
दिल्ली हवाई अड्डे से दूरी: लगभग 20 किमी
इंडिया गेट
इंडिया गेट राष्ट्रपति भवन की सीध में बना हुआ है। यह प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों की याद में एडविन लुटियंस द्वारा 1931 में बनवाया गया था । जो लोग प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए थे, उन शहीदों के नामों को इस पर लिखा गया है। अगर आप दिल्ली में घूमने के लिए आते हैं तो इस जगह को भूल नहीं सकते। दिन हो या रात,आँधी आये या तूफान, साल के हर एक दिन यहाँ जलती अमर जवान ज्योति उन वीर शहीदों की दास्तान बयान करती है।यहाँ पर आप अपने परिवार के साथ पिकनिक पर जा सकते हैं लेकिन खाना साथ में ले जाएं ।
यहाँ पर सुन्दर – सुन्दर पार्क और बगीचे मौजूद हैं और यहाँ की चहल पहल आपको बहुत आकर्षित करेगी। यहाँ पर बहुत भीड़ रहती है। यहाँ भारी मात्रा में भारतीय और विदेशी यात्री घूमने आते हैं।
किसने बनवाया: एडविन लुटियंस
कब बनवाया: 1931
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
निकटतम मेट्रो स्टेशन: केंद्रीय सचिवालय
दिल्ली हवाई अड्डे से दूरी: लगभग 14 किमी
कुतुबमीनार
कुतुबमीनार को कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाना शुरू किया लेकिन कुछ दिनों बाद उनकी मृत्यु हो गयी उनके बाद इसे इल्तुतमिश ने पूरा बनवाया।कुतुबमीनार दिल्ली की सबसे ऊँची इमारतों में से एक है। यह ईरानी वास्तुकला का उदाहरण है। इसे यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया है। यह एक दिल्ली प्रशिद्ध पर्यटन स्थल है।यहाँ लाखों लोग घूमने आते हैं। इसके निकट एक लौह स्तम्भ बना है। इस लौह स्तम्भ की ख़ासियत यह है कि इसपर आज तक जंग नहीं लगा। इसके आसपास पार्क मौजूद है इसलिए यहाँ लोग पिकनिक के लिए जाना भी पसंद करते हैं।
किसने बनवाया: कुतुबुद्दीन ऐबक ने
कब बनवाया: 1199 – 1220
प्रवेश शुल्क: 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए निःशुल्क, भारतीयों के लिए 35 रुपये, विदेशियों के लिए 550 रुपये
खुलने का समय: सुबह 7:00 बजे- शाम 5:00 बजे तक, सोमवार को बंद रहता है|
निकटतम मेट्रो स्टेशन: कुतुब मीनार
दिल्ली हवाई अड्डे से दूरी: लगभग 14 किमी
हुमायूँ का मकबरा
हुमायूँ के मकबरे को हुमायूँ की पत्नी हाजी बेगम ने बनवाया था। हुमायूँ के मृत्यु के 9 साल बाद इसका निर्माण शुरू हुआ। इसे बनने में ७ साल लगे। इसे लाल पत्थर व संगमरमर के संगम से बना गया था। यह मकबरा भी मुगल वास्तुकला का उदाहरण है। हुमायूँ का मकबरा बहुत ही सुंदर है इसे देखने के लिए हज़ारो संख्या में लोग आते हैं।इसकी सुंदरता आज भी बरक़रार है। यहाँ हुमायूँ के साथ ही साथ मुगलों के कुछ खास सदस्यों की कब्रें मौजूद हैं। ऊँची-ऊँची पथरीली सीढ़ियाँ, बड़े-बड़े कलात्मक दरवाज़े और खिड़कियां प्राचीनता की छबि दर्शाते हैं।
किसने बनवाया: महारानी हाजी बेगम ने
कब बनवाया: 1565 -1572
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए 40 रुपये, विदेशियों के लिए 600 रुपये
खुलने का समय: सुबह 6:00 बजे- शाम के 6:00 बजे तक।
निकटतम मेट्रो स्टेशन: जोर बाग मेट्रो स्टेशन
दिल्ली हवाई अड्डे से दूरी: लगभग 17 किमी
जामा मस्जिद
भारत की सबसे बड़ी और पुरानी मस्जिद दिल्ली में स्थित है जिसे जमा मस्जिद कहते हैं। इस मस्जिद को मुग़ल बादशाह शाहजहां द्वारा 1650 में बनवाया गया था। यह दिल्ली के प्रशिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ लाखों संख्या में लोग इसे देखने आते हैं। यहाँ हर धर्म के लोग इसकी ख़ूबसूरती देखने के लिए जाते हैं। ये भी मुग़ल वास्तुकला का उदाहरण है। यहाँ बहुत भीड़ होती है। अगर आप जमा मस्जिद जाना चाहते हैं तो सुबह के समय जाये इस समय भीड़ नहीं होती है।
किसने बनवाया: शाहजहाँ
कब बनवाया: 1650
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क, लेकिन वीडियोग्राफी शुल्क 300 रुपये है
खुलने का समय: दैनिक, सुबह 7 बजे से शाम 6:30 बजे तक। यह प्रार्थना के दौरान बंद रहता है
निकटतम मेट्रो स्टेशन: चावड़ी बाज़ार।
दिल्ली हवाई अड्डे से दूरी: लगभग 17 किमी
कमल मंदिर
कमल मंदिर एक उपासना केंद्र है जहाँ आपको एकदम शांत वातावरण मिलेगा।कमल मंदिर के अंदर किसी भी भगवान की मूर्ती नहीं है। क्योंकि यह माना जाता है कि उपासना करने के लिए किसी भगवान के नाम और मूर्ती की ज़रुरत नहीं है। यहाँ सभी धर्म के लोगों का स्वागत किया जाता है और यहाँ कुछ धार्मिक ग्रंथों को पढ़ा जाता है। यहाँ फोटो क्लिक करना या वीडियो बनाना वर्जित है इसलिए जब आप घूमने जाये तो अपने मोबाइल फ़ोन या कैमरा को बैग में रखें। कमल का फूल शांति व पवित्रता का प्रतीक होता है इसी को जहन में रखते हुए इस स्थान का निर्माण किया गया है ।
किसने बनवाया: फ़रीबोर्ज़ साहबा
कब बनवाया: 1986
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
खुलने का समय: मंगलवार – रविवार, सुबह 9:30 – शाम 7 बजे (गर्मी) और सुबह 9:30 – शाम 5 बजे (सर्दी)
निकटतम मेट्रो स्टेशन: कालकाजी और नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशन
दिल्ली हवाई अड्डे से दूरी: लगभग 16 किमी
अक्षरधाम मंदिर
स्वामिनारायण मंदिर को विश्व के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में शामिल किया गया है। जब आप स्वामिनारायण मंदिर को देखेंगे तो आप आशचर्यचकित हो जायें। जब आप इस मंदिर के अंदर जायेंगे तो इसके प्रत्येक कोने की बहुत तारीफ करेंगे। यह दिल्ली का मशहूर पर्यटन स्थल है । ये मंदिर कई भागों में बँटा हुआ है जिसमें नौका विहार, सांस्कृतिक कार्यक्रम और शाम के समय होता वॉटर शो। ये सभी आपको आनंद से भर देंगे। टिप्स: यह मंदिर अपने शानदार दृश्य के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह दिल्ली मेट्रो लाइन से भी दिखाई देता है।
किसने बनवाया: बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस)
कब बनवाया: 6 नवंबर 2005
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क, प्रदर्शनियाँ देखने के लिए अलग शुल्क
खुलने का समय: सुबह 9.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक, सोमवार को बंद
निकटतम मेट्रो स्टेशन: अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन।
दिल्ली हवाई अड्डे से दूरी: लगभग 22 किमी
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